दुनियादारी..
“लिए बैठें हैं कलम हाथ में, कुछ नज़्म बनाने के लिए…..
पर दुनियादारी के चक्कर में शब्द पिरोना ही भूल गया….”
© बेनाम-लफ्ज़…
“लिए बैठें हैं कलम हाथ में, कुछ नज़्म बनाने के लिए…..
पर दुनियादारी के चक्कर में शब्द पिरोना ही भूल गया….”
© बेनाम-लफ्ज़…