दुनियां में कितना शोर है।
दुनियां में कितना शोर है।
इन्सानियत कितनी खामोश है।।1।।
दिल पर किसका जोर है।
बस लगता हैं इश्क खामोश है।।2।।
हम जनाजे पर सो रहें हैं।
चुप हुआ यूं जिंदगी का शोर है।।3।।
दिलों को क्या हो गया है।
इश्क की सिवा जिंदगी और है।।4।।
अब अदब,लिहाज़ गुम है।
जीने का ना तरीका ना तौर है।।5।।
सब ही मुरीद हैं इस दर के।
इसका जलवा ही कुछ और है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ