दुख में
जब किसी पर
दुख पड़ता है तो
लोग उस व्यक्ति के दुख में
शामिल नहीं होना चाहते
पत्थर के बन जाते हैं
रूखेपन से भर जाते हैं
बहुत ही बुरा, अपमानजनक और
अजीब व्यवहार भी करते हैं
कई बार लेकिन
यही लोग जब खुद पर दुख पड़े तो
सौ फीसदी हमदर्दी चाहते हैं
खुद के प्रति दूसरों के दिल
पिघलते हुए देखना चाहते हैं
उनका दिल एक सोने के मुआफिक
शुद्ध, सच्चा और खरा चाहते हैं
यह कैसे संभव हो सकता है
जब लोहे की हथौड़े की मार सह सहकर
मोम बेचारा भी इस कदर चपटा हो गया हो कि
पिघल ही न सके।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001