दुख के उस आलम में | हम गुमसुम से रहते हैं ||
दुख के आलम में |
हम गुमसुम से रहते हैं ||
ना किसी के हम सुनते हैं |
ना ही किसी से हम कुछ कहते हैं ||
दुख के आलम में |
हम गुमसुम से रहती हैं ||
दिल की हर बातें |
हम दिल में ही रख जाते हैं ||
रो पड़ते हैं हम उस दिन |
जिस दिन वह याद आते हैं ||
दुख के उस आलम में |
हम गुमसुम से रहते हैं ||
? Pawan Yadav?