Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Aug 2021 · 1 min read

— @ दुखी कौन नही यहाँ @–

सुखी कौन है यहाँ
दुःख से भरे हैं सब
जिस ने लिया जन्म
वो सकून में कहाँ !!

पग पग चलना भारी
हर दर्द सहना भारी
वक्त के हाथों की
कठपुतली हैं सब यहाँ !!

आसान नही जीवन की डगर
जिन्दगी की नही किसी को खबर
कब तूफ़ान आ जाए पल में
किसी को यह खबर है कहाँ !!

उदास होकर भी क्या लेना
जो मिला उस में खश हो लेना
सब करना है इस्तेमाल यहाँ
कुछ भी लेकर जाना है कहाँ !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 428 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
*रावण आया सिया चुराने (कुछ चौपाइयॉं)*
*रावण आया सिया चुराने (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
Pyari dosti
Pyari dosti
Samar babu
बड़े इत्मीनान से सो रहे हो,
बड़े इत्मीनान से सो रहे हो,
Buddha Prakash
श्याम सुंदर तेरी इन आंखों की हैं अदाएं क्या।
श्याम सुंदर तेरी इन आंखों की हैं अदाएं क्या।
umesh mehra
इतिहास
इतिहास
श्याम सिंह बिष्ट
दर्द-ए-सितम
दर्द-ए-सितम
Dr. Sunita Singh
*अगवा कर लिया है सूरज को बादलों ने...,*
*अगवा कर लिया है सूरज को बादलों ने...,*
AVINASH (Avi...) MEHRA
वह नही समझ पायेगा कि
वह नही समझ पायेगा कि
Dheerja Sharma
मोहब्ब्बत के रंग तुम पर बरसा देंगे आज,
मोहब्ब्बत के रंग तुम पर बरसा देंगे आज,
Shubham Pandey (S P)
दानवता की पोषक
दानवता की पोषक
*Author प्रणय प्रभात*
पूछ लेना नींद क्यों नहीं आती है
पूछ लेना नींद क्यों नहीं आती है
पूर्वार्थ
रक्त से सीचा मातृभूमि उर,देकर अपनी जान।
रक्त से सीचा मातृभूमि उर,देकर अपनी जान।
Neelam Sharma
" सुन‌ सको तो सुनों "
Aarti sirsat
रेशम की डोरी का
रेशम की डोरी का
Dr fauzia Naseem shad
"कूँचे गरीब के"
Ekta chitrangini
बेटी और प्रकृति
बेटी और प्रकृति
लक्ष्मी सिंह
संस्कार
संस्कार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
रोज गमों के प्याले पिलाने लगी ये जिंदगी लगता है अब गहरी नींद
रोज गमों के प्याले पिलाने लगी ये जिंदगी लगता है अब गहरी नींद
कृष्णकांत गुर्जर
सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है
सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है
अंसार एटवी
"संवाद"
Dr. Kishan tandon kranti
आशा की किरण
आशा की किरण
Nanki Patre
कहीं पे पहुँचने के लिए,
कहीं पे पहुँचने के लिए,
शेखर सिंह
माँ की छाया
माँ की छाया
Arti Bhadauria
खोटा सिक्का
खोटा सिक्का
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मुझे अकेले ही चलने दो ,यह है मेरा सफर
मुझे अकेले ही चलने दो ,यह है मेरा सफर
कवि दीपक बवेजा
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
साँप ...अब माफिक -ए -गिरगिट  हो गया है
साँप ...अब माफिक -ए -गिरगिट हो गया है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र
शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र
Shivkumar Bilagrami
और क्या ज़िंदगी का हासिल है
और क्या ज़िंदगी का हासिल है
Shweta Soni
रिश्ते सम्भालन् राखियो, रिश्तें काँची डोर समान।
रिश्ते सम्भालन् राखियो, रिश्तें काँची डोर समान।
Anil chobisa
Loading...