दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
सुनो मत साधना निर्दोष पर संधान तुम अपना
जगत में चाँदनी झूठी चमकती चार दिन केवल
न खोना भूल कर भी दम्भ में सम्मान तुम अपना
डॉ. अर्चना गुप्ता
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
सुनो मत साधना निर्दोष पर संधान तुम अपना
जगत में चाँदनी झूठी चमकती चार दिन केवल
न खोना भूल कर भी दम्भ में सम्मान तुम अपना
डॉ. अर्चना गुप्ता