Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Sep 2021 · 1 min read

दुआ करो तुम उस रब से !

दुआ करो तुम उस रब से !
•••••••••••••••••••••••••••
⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

अब क्या रह गया छुपा है तुझसे ।
सब कुछ तो दिया बता है तुझसे ।
फिर भी तुझे गर विश्वास न होता ,
तो फिर दुआ करो तुम उस रब से।।

स्वरचित एवं मौलिक ।
सर्वाधिकार सुरक्षित ।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 10 सितंबर, 2021.
“””””””””””””””””””””””””””””””””
??????????

Language: Hindi
4 Likes · 426 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
आजमाइश
आजमाइश
Suraj Mehra
लहर लहर लहराना है
लहर लहर लहराना है
Madhuri mahakash
मैंने उनको थोड़ी सी खुशी क्या दी...
मैंने उनको थोड़ी सी खुशी क्या दी...
ruby kumari
"तितली रानी"
Dr. Kishan tandon kranti
बोलती आँखें
बोलती आँखें
Awadhesh Singh
चाँद पूछेगा तो  जवाब  क्या  देंगे ।
चाँद पूछेगा तो जवाब क्या देंगे ।
sushil sarna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
रामभक्त शिव (108 दोहा छन्द)
रामभक्त शिव (108 दोहा छन्द)
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बेचारी माँ
बेचारी माँ
Shaily
"बेज़ारी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
#कहानी-
#कहानी-
*प्रणय प्रभात*
पिता
पिता
Swami Ganganiya
क्या लिखूँ....???
क्या लिखूँ....???
Kanchan Khanna
9--🌸छोड़ आये वे गलियां 🌸
9--🌸छोड़ आये वे गलियां 🌸
Mahima shukla
तेरी हुसन ए कशिश  हमें जीने नहीं देती ,
तेरी हुसन ए कशिश हमें जीने नहीं देती ,
Umender kumar
"बचपन"
Tanveer Chouhan
गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14
गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14
Mahendra Narayan
भरत मिलाप
भरत मिलाप
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
सजल नयन
सजल नयन
Dr. Meenakshi Sharma
निहारने आसमां को चले थे, पर पत्थरों से हम जा टकराये।
निहारने आसमां को चले थे, पर पत्थरों से हम जा टकराये।
Manisha Manjari
फुलवा बन आंगन में महको,
फुलवा बन आंगन में महको,
Vindhya Prakash Mishra
शहर बसते गए,,,
शहर बसते गए,,,
पूर्वार्थ
भूलकर चांद को
भूलकर चांद को
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
माता पिता के श्री चरणों में बारंबार प्रणाम है
माता पिता के श्री चरणों में बारंबार प्रणाम है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
एक तरफ
एक तरफ
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
* वक्त  ही वक्त  तन में रक्त था *
* वक्त ही वक्त तन में रक्त था *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आधार छन्द-
आधार छन्द- "सीता" (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गालगागा गालगागा गालगागा गालगा (15 वर्ण) पिंगल सूत्र- र त म य र
Neelam Sharma
कुछ अच्छा करने की चाहत है
कुछ अच्छा करने की चाहत है
विकास शुक्ल
समय देकर तो देखो
समय देकर तो देखो
Shriyansh Gupta
Loading...