दीवाली
जब मनाओ दीवाली तुम
द्वेष , ईर्ष्या , नफरत जला देना
छोड़ चायना मेड उत्पाद
देशी मन बसा लेना
जब मनाओ दीवाली तुम
दीप माटी के जला लेना
छोड़ पटाखे , आतिशबाजी
मन को रौशन कर लेना
जब मनाओ दीवाली तुम
घर में डटे कलुष मिटा देना
छोड़ रोज की तू – तू , मैं – मैं
प्यार का जहाँ बसा लेना
जब मनाओ दीवाली तुम
राम की भावना मन सजा लेना
छोड़ इसका -उसका ,मेरा -तेरा
भाई-चारा बढ़ा लेना
जब मनाओ दीवाली तुम
पड़ोंसी को गले लगा लेना
हो गर पाक जैसा पड़ोसी
राकेट में लगा उड़ा देना
जब मनाओ दीवाली तुम
खूब मिलकर मौज मनाना
हो गर चायना जैसा फरेवी
पूर्ण बहिष्कार कर देना
जब मनाओ दीवाली तुम
सिय- राम सा साथ निभाना
छोड़ पर नारी, स्वभार्या को
प्रीत के रंग सजा लेना
जब मनाओ दीवाली तुम
माँ की हर आज्ञा मान लेना
छोड़ न वृद्धाश्रम में उनको
पग धूल सिर लगा लेना
डॉ मधु त्रिवेदी