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4 Nov 2021 · 1 min read

दीवाली गीत

गीत : यह प्रकाश का अतुल पर्व है
सघन अंधेरा दूर भगाओ
———————————–
यह प्रकाश का अतुल पर्व है
सघन अंधेरा दूर भगाओ
पहले मन का मैल मिटाओ
फिर स्नेह का दीप जलाओ ,

करो शुद्ध निज हृदय चित्त को
काम क्रोध मोह बंधन तोड़ों
परहित पर हो तन निछावर
स्वार्थ कपट लोभ नंदन छोड़ों
नेत्र पटल पर छाई अपनी
पहले अज्ञान का पटल हटाओ
यह प्रकाश का अतुल पर्व है
सघन अंधेरा दूर भगाओ ,

जग में जहाँ न पहुँचे रोशन
उस घर में एक दीप जलाओ
फूलों की फुलझड़ियाँ नन्हें
हाथों में देकर मीत बनाओ
मुस्कानों का बिपुल खजाना
देकर उनसे भी ज्योति जलाओ
यह प्रकाश का अतुल पर्व है
सघन अंधेरा दूर भगाओ ,

नवल धवल और नव प्रकाश से
नव सृष्टि और जगत नई
नव यौवन नव सोच कर्म से
विपदा जग से चली गईं
खुशियों की पूरन अल्पना में
एकाकार यह जगत बनाओ
यह प्रकाश का अतुल पर्व है
सघन अंधेरा दूर भगाओ ,

यह प्रकाश का अतुल पर्व है
सघन अंधेरा दूर भगाओ
पहले मन का मैल मिटाओ
फिर स्नेह का दीप जलाओ ।।
©बिमल तिवारी “आत्मबोध”
देवरिया उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
Tag: गीत
269 Views
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