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4 Nov 2021 · 1 min read

दीवाली की रात आयी

चरागाँ है हर इक आँगन, है दीवाली की रात आई
ज़मीं सजकर बनी दूल्हन, है दीवाली की रात आई

उतर आये हैं धरती पर सितारे आसमानों के
ख़ुशी से क्यों न झूमे मन, है दीवाली की रात आई

अँधेरे में किसी का भी रहे ना घर कोई या रब
भरे ख़ुशियों से हर दामन, है दीवाली की रात आई

वतन को है ज़रूरत अब मुहब्बत के उजाले की
दीया दिल का करो रोशन, है दीवाली की रात आई

किसी से दुश्मनी दिल में रहे कोई न अब आसी
करो तुम ख़त्म सब अनबन, है दीवाली की रात आई

__________~●~________
सरफ़राज़ अहमद “आसी”

Language: Hindi
Tag: गीत
295 Views
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