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2 Jun 2017 · 1 min read

दीवारों के कान।

दीवारों के कान।

निंदा करना छिपकर सुनना,इंसानों का अरमान।
करते बदनाम दीवारों को कि इनके लग गये कान
निंदा रस की चाशनी कानों में रस सा घोले
कहते दीवारें सुनलेगीं,तो ज़रा धीरे-धीरे​बोलें।
अपने त्रिया चरित्र को मानव ने देदी नव पहचान
नमक-मिर्च लगाकर इक दूजे की करते खूब बुराई
कानों में फुसफुसा कर कहते हैं -दीवारों के कान।
नीलम शर्मा

Language: Hindi
481 Views
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