दीवारें….., सिर्फ घरों में नहीं होती
दीवारें….., सिर्फ घरों में नहीं होती
दीवारें हर जगह है….
संकोच की
लोभ की
शंका की
भ्रम की
सोच की
सोच के छोटेपन की
दीवारें हर जगह हैं…
पर हर जगह ईंट गारे से नहीं बनी है दीवारें…
काश बनी होती….!!
तो इन्हे भी ढहाया जा सकता….
# Priya maithil