*दीवाना सा हूं*
दीवाना सा हूं
गुल गुलाब सी कली का दीवाना सा हूं,
पास हूं पर दूर ही से कुछ बेगाना सा हूं,
धड़क रहा है दिल और बेबाक भी है,,
जाना हूं पर बहुत ही अंजाना सा हूं,,
खत्म हो चुका हूं खुद अपने दिल से,,
सिर्फ याद मैं जिंदा है खजाना सा हूं,,
कही हद से न गुजार दे उसकी चाहत,,
जरा जरा सा ही कुछ घबराना सा हूं,,
यकी है मुझे मेरे दिल दिमाग पर की,,
वो कायम रहेगा दिल का तराना सा हूं,
मानक लाल मनु