दीप को बाति से
दीप को बाति से जो प्यार मिला
तेल को जिन्दगी उधार मिला
रात भर जल वजूद को खोती
गिर जमीं पर उसे निसार मिला
दीप दिल में जले मुहब्बत के जब
प्यार को प्यार बेशूमार मिला
तीरगी को निगल लगे दीपक
आज लक्ष्मी गणेश प्यार मिला
राम सिय साथ भू पधारे अब
इस धरा पर हरेक पार मिला