दीपोत्सव::: मनभावन : दोहे !!!
दीपोत्सव : प्रेरक दोहे
(१)खुशियों के त्योहार में ,छाया हर्ष अपार।
बच्चे बूढ़े युवा सभी, लुटा रहे हैं प्यार।।
दीपों से जगमग घर सारे,द्वार द्वार लग रहे है प्यारे।।
(२)बाजारों में भीड़ है,क्रेता खरीदे माल।
फुलझडी के लिए अड़े, छोटे छोटे लाल।।
देख रही है दुनिया सारी, रोनक हमारी कितनी प्यारी ।।
(३) रंग हाथों में ले चली, बहने द्वार के पास।
रंगोली सजने लगी,मेरी सबसे खास।।
मन में विश्वास समाया, अपने द्वार को सबने सजाया।।
(४)चाहत सबमें है जगी,महामारी गए भूल।
आस्था भक्ति न डिगे, पथ के हट गए शूल।
कॉरोना नियम भी पाले,मुंह पर ओड दुशाले।।
(५) दिवाली हमें दे रही, अच्छा सच्चा संदेश।
अनुनय मिलकर हम सभी, बड़ाए अपना देश।।
महापर्व यह मिलके मनाए,खुशियां दे खुशियां पाएं।।
राजेश व्यास अनुनय