दीपावली
अज्ञानता भरी राहों में , ज्ञान भरे कुछ दीप जलाना
जीवन पथ को आलोकित कर, अंधकार को दूर भगाना
अगर निराशा का अँधियारा, फैला हो मन के कोने में
आशा के थोड़े से दीपक, भी तुम वहाँ जरूर सजाना
खूब जलाओ दीप तुम, इतना करो प्रकाश
सबसे काली रात में, दिन का हो आभास
डॉ अर्चना गुप्ता