दीपावली
दीपक जगमग करे जब , होता कार्तिक मास
पाँती सजते दीप तब , करते मीठा हास
वापस आये राम जी , आज अयोध्या धाम
गाओ मंगलाचार सखि ,छोड खास सबकाम
जलते दीपक कहे यह , होती सत्य की जीत
बाधा आती राह में , मिलता प्यारा मीत
वापस आये राम जब , रावन का कर नाश
सारे वासी नगर के , बाँधे नेह के पाश
थाल सजा कर खडे़ है , आयेगे कब राम
आँखे सबकी थकी है , करते कैसे काम
जान भरत इस बात को , आतुर होये खूब
भारी लगते यही पल , होने लगती ऊब
वाचे जिसकी जिव्हा नित ,श्री राम का नाम
बिना त्रास प्रभु बसे , मानस तेरे धाम