दीपावली मनाएं
**** दीपावली मनाएं ****
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जगमग जगमग दीप जलाएं
दीपावली को दिल से मनाएं
मन के तम को हम दूर करें
अंधेरों को उजाले से भगाएं
रिश्ते अधर में जो छूट गये
पुलकित होकर उन्हें मिलाएं
हृदय मैले को हम धो डालें
हर्षोल्लास से दिल सजाएं
खुशियों भरा है पर्व आया
भर भर घी के दीयें जलाएं
रूठ गए जो राहों में चलते
उनको खुलकर गले लगाएं
उपासना हो जाएगी संपन्न
लक्ष्मी धन के हैं ढ़ेर लगाए
घर द्वार दुल्हन सा सजाया
आनंदित हो पटाखे चलाएं
बाल,प्रौढ़ और जवान सारे
प्रसन्नता के गीत गुनगनाएं
क्रोध,लोभ जड़ से मिटाया
मनसीरत मन खुशी मनाए
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)