दीपक
दीप उजास
परिस्थिति अंजान
तले तमस ,
नाजुक बाती
अंधियारा सघन
मन अडिग ,
दीया – दीपक
दीप्तिमान जगत
ओज – आलोक ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 19/03/2021 )
दीप उजास
परिस्थिति अंजान
तले तमस ,
नाजुक बाती
अंधियारा सघन
मन अडिग ,
दीया – दीपक
दीप्तिमान जगत
ओज – आलोक ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 19/03/2021 )