Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2020 · 1 min read

दीपक जला देता

जो फूलों से गिरी शबनम उसे शोला बना देता
मैं अपने आँसुओं से सारी दुनिया को जला देता

तुम्हारी मुस्कराहट में ही मेरी जान बसती है
ह्रदय के दर्द को प्रियतम तुम्हें कैसे दिखा देता

तुम्हारे आज से की बात बीता कल छुपाकर के
दफ़न जो राज सदियों से भला कैसे बता देता

मेरे महबूब मेरी कब्र पर आकर जो तुम रोते
तुम्हारे आंसुओं से शाम का दीपक जला देता

1 Like · 191 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
नारी का क्रोध
नारी का क्रोध
लक्ष्मी सिंह
// दोहा ज्ञानगंगा //
// दोहा ज्ञानगंगा //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
23/128.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/128.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मातृत्व
मातृत्व
साहित्य गौरव
आज वो दौर है जब जिम करने वाला व्यक्ति महंगी कारें खरीद रहा ह
आज वो दौर है जब जिम करने वाला व्यक्ति महंगी कारें खरीद रहा ह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Drapetomania
Drapetomania
Vedha Singh
प्यार में बदला नहीं लिया जाता
प्यार में बदला नहीं लिया जाता
Shekhar Chandra Mitra
*अध्याय 8*
*अध्याय 8*
Ravi Prakash
कृष्ण जन्म / (नवगीत)
कृष्ण जन्म / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
कर्म से विश्वाश जन्म लेता है,
कर्म से विश्वाश जन्म लेता है,
Sanjay ' शून्य'
अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो
अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो
Er.Navaneet R Shandily
!! घड़ी समर की !!
!! घड़ी समर की !!
Chunnu Lal Gupta
आए गए महान
आए गए महान
Dr MusafiR BaithA
"कदर"
Dr. Kishan tandon kranti
सत्य क्या है?
सत्य क्या है?
Vandna thakur
तुझसे मिलने के बाद ❤️
तुझसे मिलने के बाद ❤️
Skanda Joshi
सुबह का खास महत्व
सुबह का खास महत्व
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
नव वर्ष का आगाज़
नव वर्ष का आगाज़
Vandna Thakur
राम सिया की होली देख, अवध में हनुमंत लगे हर्षांने।
राम सिया की होली देख, अवध में हनुमंत लगे हर्षांने।
राकेश चौरसिया
■ आज का विचार...
■ आज का विचार...
*प्रणय प्रभात*
वजह ऐसी बन जाऊ
वजह ऐसी बन जाऊ
Basant Bhagawan Roy
कस्तूरी इत्र
कस्तूरी इत्र
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
नहीं, अब ऐसा नहीं हो सकता
नहीं, अब ऐसा नहीं हो सकता
gurudeenverma198
चैत्र नवमी शुक्लपक्ष शुभ, जन्में दशरथ सुत श्री राम।
चैत्र नवमी शुक्लपक्ष शुभ, जन्में दशरथ सुत श्री राम।
Neelam Sharma
कोई विरला ही बुद्ध बनता है
कोई विरला ही बुद्ध बनता है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
हमारे रक्षक
हमारे रक्षक
करन ''केसरा''
त्राहि त्राहि
त्राहि त्राहि
Dr.Pratibha Prakash
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
*Lesser expectations*
*Lesser expectations*
Poonam Matia
Loading...