दीदार
मोहब्बत लफ्ज में समाए और बेशुमार हो जाए
मोहब्बत में राधा – कृष्ण सा किरदार हो जाए
मैं तो बस खो जाऊँ तेरे इर्द -गिर्द ही कहीं यार,
ग़र एक पल के लिए जो तेरा दीदार हो जाए
-सिद्धार्थ गोरखपुरी
मोहब्बत लफ्ज में समाए और बेशुमार हो जाए
मोहब्बत में राधा – कृष्ण सा किरदार हो जाए
मैं तो बस खो जाऊँ तेरे इर्द -गिर्द ही कहीं यार,
ग़र एक पल के लिए जो तेरा दीदार हो जाए
-सिद्धार्थ गोरखपुरी