Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2024 · 1 min read

आनंद बरसे सर्वदा

आनंद बरसे सर्वदा

बेटी चली पी की गली,
सौभाग्य की बेला खिली।
आओ अशीषें प्यार से,
कर दें विदा सत्कार से।

बेटी तुम्हीं सौभाग्य हो,
दैदीप्य, तेरा भाग्य हो।
यह एक बंधन नेह का,
सम्मान हो उस गेह का।

हमने सुकृत जो भी किए,
अर्पित सभी तेरे लिए।
हर्षित रहो दोनों सदा,
आनंद बरसे सर्वदा।
इंदु पाराशर

53 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from indu parashar
View all
You may also like:
" शान्ति "
Dr. Kishan tandon kranti
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
“शादी के बाद- मिथिला दर्शन” ( संस्मरण )
“शादी के बाद- मिथिला दर्शन” ( संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
ग़ज़ल _ टूटा है चांद वही , फिर तन्हा - तन्हा !
ग़ज़ल _ टूटा है चांद वही , फिर तन्हा - तन्हा !
Neelofar Khan
जुदाई
जुदाई
Davina Amar Thakral
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
Vansh Agarwal
प्रेम के दो  वचन बोल दो बोल दो
प्रेम के दो वचन बोल दो बोल दो
Dr Archana Gupta
3354.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3354.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
पर्यावरण से न कर खिलवाड़
पर्यावरण से न कर खिलवाड़
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
उलझ गई है दुनियां सारी
उलझ गई है दुनियां सारी
Sonam Puneet Dubey
हे वीर कन्या
हे वीर कन्या
Dr.Pratibha Prakash
"ऊंट पे टांग" रख के नाच लीजिए। बस "ऊट-पटांग" मत लिखिए। ख़ुदा
*प्रणय*
अपनी समझ और सूझबूझ से,
अपनी समझ और सूझबूझ से,
आचार्य वृन्दान्त
आंखों में भरी यादें है
आंखों में भरी यादें है
Rekha khichi
*ध्यान लगाते सिद्ध जन, जाते तन के पार (कुंडलिया)*
*ध्यान लगाते सिद्ध जन, जाते तन के पार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कैसे बदला जायेगा वो माहौल
कैसे बदला जायेगा वो माहौल
Keshav kishor Kumar
सदा सुखी रहें भैया मेरे, यही कामना करती हूं
सदा सुखी रहें भैया मेरे, यही कामना करती हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हमारा जन्मदिवस - राधे-राधे
हमारा जन्मदिवस - राधे-राधे
Seema gupta,Alwar
फैला था कभी आँचल, दुआओं की आस में ,
फैला था कभी आँचल, दुआओं की आस में ,
Manisha Manjari
स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना
स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना
Ritu Asooja
बीता कल ओझल हुआ,
बीता कल ओझल हुआ,
sushil sarna
अंधविश्वास से परे प्रकृति की उपासना का एक ऐसा महापर्व जहां ज
अंधविश्वास से परे प्रकृति की उपासना का एक ऐसा महापर्व जहां ज
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Activities for Environmental Protection
Activities for Environmental Protection
अमित कुमार
जन-जन के आदर्श तुम, दशरथ नंदन ज्येष्ठ।
जन-जन के आदर्श तुम, दशरथ नंदन ज्येष्ठ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
सफ़र ख़ामोशी का
सफ़र ख़ामोशी का
हिमांशु Kulshrestha
माँ
माँ
Neelam Sharma
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जन्म से मरन तक का सफर
जन्म से मरन तक का सफर
Vandna Thakur
you don’t need a certain number of friends, you just need a
you don’t need a certain number of friends, you just need a
पूर्वार्थ
बदल गई काया सुनो, रहा रूप ना रंग।
बदल गई काया सुनो, रहा रूप ना रंग।
Suryakant Dwivedi
Loading...