दिव्यमाला अंक 36
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सुनी नाग ने जब आवाजे , जाना कौन यहाँ आया।
देखा एक नन्हा बालक था,जो पानी मे गिर आया।
रहा ताकता पल भर वह तो , पल में वह उसको भाया।
लेकिन फिर तत्काल सम्भल,गुस्से में वह फुफकाया।
पर कान्हा के लब पर तैरी ,बस मुस्कान… कहाँ सम्भव?
हे पूर्ण कला के अवतारी ………71
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मद में भरा नाग भारी था , गुस्से से फुफकार लिया।
पल में कान्हा को डसने को , फन को ऊपर उठा लिया।
फन अनेक थे बदल बदल कर, उसने कान्ह लपेट लिया।
तब कान्हा ने चपल भाव से खुद को बन्धन मुक्त किया।
चढ़े फनो पर नर्तन करते ,वो हैरान……………..?
हे पूर्ण कला के अवतारी………………………….?…. 72
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क्रमशः—
कलम घिसाई