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28 Oct 2023 · 1 min read

दिवाली मुबारक नई ग़ज़ल विनीत सिंह शायर

किसी के हाथ में जैसे कोई ख़ैरात आई है
बजी सहनाइयाँ घर उसके बारात आई है

तुम्हे गर भूल ना जाते शराबी बन गए होते
तुम्हारी याद भी ज़ालिम तुम्हारे साथ आई है

सोते हैं दुपट्टे को तेरे सीने लगा करके
यही वो चीज है जो बस हमारे हाथ आई है

ज़िक्र करता फिरू तेरा, मुझको कहाँ फ़ुरसत
बातों बात में ही बस तुम्हारी बात आई है

दिवाली हो मुबारक ज़िंदगी गुलज़ार है जिनकी
हमारे हाथ तो ये ज़िंदगी बर्बाद आई है

~ विनीत सिंह
Vinit Singh Shayar

Language: Hindi
1 Like · 349 Views

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