Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Nov 2024 · 1 min read

दिवाली ऐसी मनायें

सभी के घर हो रोशनी, दिवाली ऐसे मनायें।
सभी के घर हो खुशी, करें ऐसी हम दुहायें।।
सभी के घर हो रोशनी———————।।

कोई भूखा नहीं सोये, दीपों के इस उत्सव में।
बरसे सुख- धन घर- घर में, इस दीपों उत्सव में।।
सभी के सपनों को साकार, इस उत्सव में बनायें।
सभी के घर हो रोशनी———————।।

नहीं उदास- मायूस हो, कोई चेहरा दिवाली पर।
नहीं हो आँसू किसी आँख में, इस दिवाली पर।।
टूटे- रूठे दिलों को हम, चलकर आज हँसायें।
सभी के घर हो रोशनी———————।।

किसी की जाति- धर्म का, नहीं हो अपमान हमसे।
नफरत- बदले के भाव से, जले नहीं घर कोई हमसे।।
वतन में चैनो- अमन और प्रेम के, दीपक जलायें।
सभी के घर हो रोशनी———————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
56 Views

You may also like these posts

नव वर्ष
नव वर्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
उसने मुझे बिहारी ऐसे कहा,
उसने मुझे बिहारी ऐसे कहा,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
लहजा समझ आ जाता है
लहजा समझ आ जाता है
पूर्वार्थ
तुम्हारा नंबर
तुम्हारा नंबर
अंकित आजाद गुप्ता
पढ़े लिखे बच्चे
पढ़े लिखे बच्चे
Girija Arora
सौंदर्य
सौंदर्य
OM PRAKASH MEENA
दिखाने लगे
दिखाने लगे
surenderpal vaidya
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
Rj Anand Prajapati
ये काबा ये काशी हरम देखते हैं
ये काबा ये काशी हरम देखते हैं
Nazir Nazar
"साम","दाम","दंड" व् “भेद" की व्यथा
Dr. Harvinder Singh Bakshi
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जल्दी-जल्दी  बीत   जा, ओ  अंधेरी  रात।
जल्दी-जल्दी बीत जा, ओ अंधेरी रात।
गुमनाम 'बाबा'
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
Atul "Krishn"
जिदंगी भी साथ छोड़ देती हैं,
जिदंगी भी साथ छोड़ देती हैं,
Umender kumar
कठिन परिश्रम कर फल के इंतजार में बैठ
कठिन परिश्रम कर फल के इंतजार में बैठ
Krishna Manshi
तोटक छंद
तोटक छंद
Santosh Soni
राधा
राधा
Mamta Rani
ज़िंदगी को
ज़िंदगी को
Sangeeta Beniwal
कुछ हल्का हो लें
कुछ हल्का हो लें
Jyoti Roshni
उस्ताद नहीं होता
उस्ताद नहीं होता
Dr fauzia Naseem shad
पहचान
पहचान
Shweta Soni
शीर्षक – फूलों सा महकना
शीर्षक – फूलों सा महकना
Sonam Puneet Dubey
कड़वा सच
कड़वा सच
Dr.Pratibha Prakash
*नमस्तुभ्यं! नमस्तुभ्यं! रिपुदमन नमस्तुभ्यं!*
*नमस्तुभ्यं! नमस्तुभ्यं! रिपुदमन नमस्तुभ्यं!*
Poonam Matia
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
छोटी कहानी- 'सोनम गुप्ता बेवफ़ा है' -प्रतिभा सुमन शर्मा
छोटी कहानी- 'सोनम गुप्ता बेवफ़ा है' -प्रतिभा सुमन शर्मा
Pratibhasharma
3860.💐 *पूर्णिका* 💐
3860.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जहां में
जहां में
SHAMA PARVEEN
दीदार
दीदार
Santosh kumar Miri
पकड़ लो भैया कुश घोड़ा
पकड़ लो भैया कुश घोड़ा
Baldev Chauhan
Loading...