दिल
दिल रे तू काहे का सोच करे ,
वो निर्मोही प्यार न जाने ,
जिनको याद करे ।।
दिल की राहें बड़ी ही तंगदिल ,
मुश्किल है जहाँ मिलना मंजिल ।
छोड़ दे तू अब ये रोना ,
किसकी फ़िक्र करे ।।
महफ़िल से उनका भी दिल भर गया है बजाते थे ताली कभी बेबजह कर ।
नासाज है दिल की तबियत ,
क्यों फिर याद करे ।।