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28 May 2024 · 1 min read

दिल

दिल थाम के बैठे है यूं सरेराह हम,
तेरी यादें जहन से बोझल हो चली हो!!

क्या बताएं, बताने को बचा ही क्या है,
सामने हो, मगर नज़र से ओझल चली हो!!

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

Language: Hindi
1 Like · 56 Views

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