दिल
दिल थाम के बैठे है यूं सरेराह हम,
तेरी यादें जहन से बोझल हो चली हो!!
क्या बताएं, बताने को बचा ही क्या है,
सामने हो, मगर नज़र से ओझल चली हो!!
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
दिल थाम के बैठे है यूं सरेराह हम,
तेरी यादें जहन से बोझल हो चली हो!!
क्या बताएं, बताने को बचा ही क्या है,
सामने हो, मगर नज़र से ओझल चली हो!!
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”