दिल
अजब इस दिल की फितरत है,कभी हंसता कभी रोता
हमारे ज़ख्म सारे आंसुओं की धार से धोता
इसी के दम पे चलती है हमारी जिंदगी पूरी
धड़कता ही रहे दिन रात इक पल भी नहीं सोता
डॉ अर्चना गुप्ता
अजब इस दिल की फितरत है,कभी हंसता कभी रोता
हमारे ज़ख्म सारे आंसुओं की धार से धोता
इसी के दम पे चलती है हमारी जिंदगी पूरी
धड़कता ही रहे दिन रात इक पल भी नहीं सोता
डॉ अर्चना गुप्ता