दिल
आईये ईश्वर से प्रार्थना करे की जिस तरह श्री राम ने 10 सिर वाले रावण को मारा था उसी तरह हम भी अपने मन मे बसे 10 रूपी रावण जो 10 बुराइयों के प्रतीक माने जाते हैं, पहला काम, दूसरा क्रोध, तीसरा लोभ, चौथा मोह, पांचवां मादा (गौरव), छठां ईर्ष्या, सातवां मन, आठवां ज्ञान, नौवां चित्त और दसवां अहंकार इस 10 रूपी रावण को आज मार डालेगे जला देंगे।।।
जय श्री राम… ?
✒️?जीवन की पाठशाला ?️
मेरी कलम द्वारा स्वरचित मेरी छठी कविता
विषय – दिल
दिल लाल रंग का
गुलाब लाल रंग का प्रेम का प्रतीक
लाल रंग ऊर्जा का प्रतीक
तो धड़कता दिल हुआ ऊर्जा से ओतप्रोत प्रेम का प्रतीक !
दिल गुलाब की पंखुड़ियों जैसा नाजुक
दिल शीशे की तरह नाजुक
तभी तो कहते हैं दिल कभी ना तोड़ो
वर्ना बिखर जाता है …..!!
दिल का आ जाना नई बात नहीं
मचल जाना दिल का बस की बात नहीं
दिल केवल दिल से सोचता है ना की दिमाग से
तभी तो टूटे हुए दिलों की फेहरिस्त मजनू से -महिवाल से
रोमियो से तो आज तक सच्चे इश्क़ करने वालों से बढ़ती ही जा रही है ….!!!
दिल दिमाग से नहीं समझेगा
दिल क्रोध से नहीं मानेगा
दिल मानेगा तो केवल दिल दिल और दिल के जज्बात से !!!!
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान