दिल
जिंदा दफन कर दो इसे कि आज कल ये शोर करने लगा है
ये जो दिल है न… उस की ओर से धड़कने लगा है
कई दिन हुए उस ने तो पलट कर मेरी खबर तक न ली
दिल है कि आने जाने वलों में चेहरा उसका तकने लगा है
लम्हें जो चुरा कर रखे थे मैंने उसके हिस्से के
दिल है कि उसी हिस्से में जीने और मरने लगा है ।
~ सिद्धार्थ