“” दिल “”
“Dil”
दिल मेरा टूटकर मोती सा बिखरा,
तो कोई बात नहीं….
तुम करते हो नफ़रत हमसे तो कोई बात नही..
हम शांत चित(दिल)लेकर बैठे हैं तुम्हारी राहों में..
तुम तूफान भी लाओ तो कोई बात नहीं..
आखिरी बार मेरे दिल की ये दास्ता तो सुनकर जाओ,
फिर जिन्दगी भर हमें ना मिलो तो कोई बात नहीं…
मेरे हौसलों के पंख टूटकर जमीं पर बिखर गये हैं,
तुम गैरों संग उडा़न भरो तो कोई बात नहीं..
आ भी जाओगे ऩजरो के सामने कभी इतेफाक से..
तुम ऩजरे नीची कर कर लोगे तो कोई बात नहीं..
आरजू न कोई जिन्दगी में रही हमारी,
तुम खुद के अरमान पूरे कर लो तो कोई बात नही..
हम तो तेरी राहों पर हर वक्त दिल बिछायेगे,
तुम काँटो का खेत बोओ ,
हमारे लिए तो कोई बात नहीं..
दिल मेरा टूटकर मोती सा बिखरा तो कोई बात नहीं…
तुम करते हो हमसे ऩफरत तो कोई बात नहीं…
Written by… Sunita Saini….Bansur(Alwar)