दिल है मेरा बिहार में
दिल है मेरा बिहार में,
जहाँ हवाओं में घुला मिठास,
मखाने की अनमोल मिठास लिए,
हर गली, हर मोड़ यहाँ खास।
सरसों के खेतों में लहराए उम्मीद,
गंगा की लहरों में सजी है यारी,
यहाँ की मिट्टी में रचा बसा है
संस्कृति अद्वितीय श्रृंगार भारी।
विद्यापति-भारती की यह भूमि,
साहित्य हर दिल की धड़कन,
मिथिला की मधुर वाणी में घुली
हर शब्द में झलकता ज्ञान का दर्शन।
पटना के घाट से लेकर
राजगीर की ऊँची पहाड़ियों तक,
बिहार का हर कोना कहता है
इतिहास की अनगिनत कथाएँ हर क़दम।
यहाँ की तपती धूप भी कहती है,
मिट्टी में बसी मेहनत की पहचान,
सपने बुनते हैं यहाँ जनमानस,
बिहार बनाता है प्रभूत महान।
दिल है मेरा बिहार में,
जहाँ हर पत्थर में छिपी है प्रेरणा,
हर चेहरे की मुस्कान में बसी है
जीवन की अनमोल सजीव कृति।