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25 Apr 2020 · 1 min read

((((दिल ही दिल))))

दिल ही दिल कुछ कहती जा रही हो,
तुम मेरे पल पल में रहती जा रही हो.

देखी है जबसे एक नज़र तेरी आँखे,
चाँद सी तुम रात में बहती जा रही हो।

यादों का एक सफर लिए मैं आ रहा हूं,
तुम मोहब्बत की बातें हवा को सुना रही हो.

ये अदायें मैं भी देख रहा हूँ,ये हवायें मैं भी देख रहा हूँ,
ये इश्क़ का गीत जो तुम गा रही हो।

आवारा सी एक उम्मीद लिए,
आया हूँ एक तरकीब लिए.

करनी है एक दीद तेरी,
तुम क्यों नही करीब आ रही हो।

ये घूँघट ओढ़े,ये मुखड़ा मोढ़े,
तुम जो घबरा रही हो.

हम तो आये है तुझमें मदहोश होने,
तुम गुलाब क्यों केशुओं से हटा रही हो।

घड़ी दो घड़ी पल,होनी है हलचल,
रुको तो ज़रा, चल चल चल,चलती जा रही हो.

दिल ही दिल कुछ कहती जा रही हो,
चाँद सी तुम,रात में बहती जा रही हो।

Language: Hindi
3 Likes · 193 Views
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