Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jul 2022 · 1 min read

दिल हमारा।

आज भी दिल हमारा मांगता है उसकी खैर।
जो ज़ालिम रिश्तों में हमको समझता है गैर।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 2 Comments · 233 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all
You may also like:
गीत-14-15
गीत-14-15
Dr. Sunita Singh
स्नेह की मृदु भावनाओं को जगाकर।
स्नेह की मृदु भावनाओं को जगाकर।
surenderpal vaidya
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"सुन लो"
Dr. Kishan tandon kranti
2815. *पूर्णिका*
2815. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अक्सर लोगों को बड़ी तेजी से आगे बढ़ते देखा है मगर समय और किस्म
अक्सर लोगों को बड़ी तेजी से आगे बढ़ते देखा है मगर समय और किस्म
Radhakishan R. Mundhra
ताकि अपना नाम यहाँ, कल भी रहे
ताकि अपना नाम यहाँ, कल भी रहे
gurudeenverma198
!! हे उमां सुनो !!
!! हे उमां सुनो !!
Chunnu Lal Gupta
स्वार्थी मनुष्य (लंबी कविता)
स्वार्थी मनुष्य (लंबी कविता)
SURYA PRAKASH SHARMA
सत्य की खोज अधूरी है
सत्य की खोज अधूरी है
VINOD CHAUHAN
भविष्य..
भविष्य..
Dr. Mulla Adam Ali
रामराज्य
रामराज्य
Suraj Mehra
शीर्षक - सच (हमारी सोच)
शीर्षक - सच (हमारी सोच)
Neeraj Agarwal
नाम बदलने का था शौक इतना कि गधे का नाम बब्बर शेर रख दिया।
नाम बदलने का था शौक इतना कि गधे का नाम बब्बर शेर रख दिया।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सुन कुछ मत अब सोच अपने काम में लग जा,
सुन कुछ मत अब सोच अपने काम में लग जा,
Anamika Tiwari 'annpurna '
असली जीत
असली जीत
पूर्वार्थ
पापा का संघर्ष, वीरता का प्रतीक,
पापा का संघर्ष, वीरता का प्रतीक,
Sahil Ahmad
जिस्म से रूह को लेने,
जिस्म से रूह को लेने,
Pramila sultan
प्रभु -कृपा
प्रभु -कृपा
Dr. Upasana Pandey
आप चाहे जितने भी बड़े पद पर क्यों न बैठे हों, अगर पद के अनुर
आप चाहे जितने भी बड़े पद पर क्यों न बैठे हों, अगर पद के अनुर
Anand Kumar
मेरे पापा
मेरे पापा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हंसी आयी है लबों पर।
हंसी आयी है लबों पर।
Taj Mohammad
■ आज का शेर-
■ आज का शेर-
*प्रणय प्रभात*
कहीं चीखें मौहब्बत की सुनाई देंगी तुमको ।
कहीं चीखें मौहब्बत की सुनाई देंगी तुमको ।
Phool gufran
दीवार
दीवार
अखिलेश 'अखिल'
नाम बनाने के लिए कभी-कभी
नाम बनाने के लिए कभी-कभी
शेखर सिंह
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
प्यार जिंदगी का
प्यार जिंदगी का
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*जिंदगी-नौका बिना पतवार है ( हिंदी गजल/गीतिका )*
*जिंदगी-नौका बिना पतवार है ( हिंदी गजल/गीतिका )*
Ravi Prakash
रिश्तों का सच
रिश्तों का सच
विजय कुमार अग्रवाल
Loading...