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24 Jun 2022 · 1 min read

दिल से याद आती है

**** दिल से याद आती है ****
*************************

बिछड़ों की दिल से याद आती है,
कीमत जाने के बाद आती है।

छोड़े जब दामन मन अकेला सा,
मौके पर ही फरियाद आती है।

अपने जन्मे मरने छोड़ जाते हैं,
हिस्सा लेने औलाद आती है।

यारो का हो जो साथ हरदम तो,
कमज़ोरी बन फौलाद आती है।

मनसीरत झगड़ों में पड़ा रहता,
समझाने प्रत्यक्ष वाद आती है।
*************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
81 Views
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