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आचार्य सदानन्द पाल
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31 May 2021 · 1 min read
दिल से दिल तक
दिल से दिल तक,
मित्र से मित्र तक
सुप्रभात से
स्वप्निल रात्रि तक
“तुम ही तुम” !
Language:
Hindi
Tag:
मुक्तक
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· 266 Views
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