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16 Jan 2018 · 1 min read

दिल से दिल को मिलाकर कभी देखिये

खामियों को भुलाकर कभी देखिये,
शक का पर्दा हटाकर कभी देखिये!
प्रीत खुद जाग जायेगी करिये यकीं,
दिल से दिल को मिलाकर कभी देखिये!!

रोते चेहरे हंसाकर कभी देखिये,
दर्द उनका बंटाकर कभी देखिये!
स्वर्ग धरती पे खुद ही उतर आयेगा,
दिल से दिल को मिलाकर कभी देखिये!!

तम धरा का मिटाकर कभी देखिये,
दीप ऐसा जलाकर कभी देखिये!
नफरतें प्यार में खुद बदल जायेंगी,
दिल से दिल को मिलाकर कभी देखिये!!

मेरी बाहों में आकर कभी देखिये,
वक्ष पर सिर टिकाकर कभी देखिये!
दूर शिकवा-गिला पल में हो जायेगा,
दिल से दिल को मिलाकर कभी देखिये!!
-विपिन शर्मा

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