दिल लगाना है-कोमल की गजल
दिल लगाना है- गजल
खुद को फिर बेहतर बनाना है हमें
दिल किसी से अब लगाना है हमें
ज़िंदगी हम भी तेरे मनसूब हैं
बस यही सुनना सुनाना है हमें ।
मौसमों मे बारिशों की गंध है
प्यार से दामन भिगाना है हमें ।
कोई पूछे तो मुकर जाएंगे हम
इश्क को कुछ दिन छुपाना है हमे
याद उनको कर रहें हैं आजकल
बस यही मंजर भुलाना है हमें ।
लड़कियों की ज़िंदगी एक खेल है
व्याह गुड़ियों का रचाना है हमें ।
होती हैं क्या बस नुमाइश के लिए?
सिलसिला रसमन निभाना है हमे
उम्र पूरी काटनी परदेस मे
छोड़ बाबुल का ठिकाना है हमें ।
दिल तो कोमल है उसे सहना बहुत
घाव दिल का खुद सुखाना है हमें ।
खुद को फिर बेहतर बनाना है हमें
दिल किसी से अब लगाना है हमें ।