दिल मे अपनों का ख़याल पाल रखा है
दिल में अपनों का ख़याल पाल रखा है।
थोड़ी खुशी तो थोड़ा गम संभाल रखा है।।
उन्हें अफसोस है मेरे खुश हालातों पर
हमनें हालातों का नाम मलाल रखा है।।
कबूल जंग भी है हमें इंसाफ की खातिर
मगर ये फैसला फिलहाल टाल रखा है।।
मिलेंगे दुश्मन तो रंग देंगे उन्हें अपने रंग में
सादगी घुला मोहब्बत का गुलाल रखा है।।
पोंछ सकता था वो आँसू जमाने भर के
जिसने मज़हब के लिए खूँ उबाल रखा है।।
महक लहू की एक रोज पास लाएगी
हमने आशा का एक दीप बाल रखा है।।