दिल मेरा जल रहा
दिल मेरा
एक शमा सा
जल रहा है
आंसू मेरी आंख से
एक मोम के कतरे सा
पिघल रहा है
यह दिल जल जायेगा
आंसुओं का सारा दरिया
बह जायेगा तो
यह दिल एक बांध सा ढहकर
टूट जायेगा
आत्मा का सौंदर्य
सूख जायेगा
सब कुछ राख हो जायेगा
खाक में मिल जायेगा
इंसान तो नहीं फिर
आसमान से उतरकर
फरिश्ते आयेंगे उसके
अवशेषों को समेटकर
अपने संग ले जाने के
लिए।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001