दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
शाम हुई अंधेरा पसरने दीजिए
थके राहगीरों को ठहरने दीजिए
फिर सुनहरा सूरज तो चमकेगा ही
रातरानी को ज़रा संवरने दीजिए
हमें देश की शान रखना आता है
हथेली पर जान रखना आता है तो
मजहब के नाम पर न डराइए हमें
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
जीतने का हौसला व हारने का जिगर हो
दिखाएं दरियादिली अपने चाहें दीगर हो
हम जानते हैं तु जबाब तलब करेगा इक दिन
ईमान नहीं छोड़ते चाहें रंजो फिकर हो