दिल में राम वसाले।
तू दिल में वसाले मेरे राम को, तो संसार सागर से पार हो जायेगा।तू अपना न बना इस संसार को,वरना एक दिन बहुत पछतायेगा।तू समझ कर न समझ न बन,।कब्जे में करले ये चंचल मन।ये भव बंधन से छूट जायेगा।तू ज्यादा न समझ बस! थोड़ा सा समझले।बस एक बार कहना गुरु का मान लें।तो परम पद पा जायेगा।