दिल में मेरे तुम बसे
नायक –
दिल में मेरे तुम बसे
ख्यालों में यों आ रहे !
प्यार तुम ही हो मेरा
फिर ऐसे क्यों सता रहे !!
नायिका –
जो मानते हो प्यार तो
मजबूरी मेरी जान लो !
बस थोड़ा है ये इंतजार
ये बात मेरी मान लो !!
नायक –
दिख रहे हो तुम मुझे
रात दिन ख्वाबों में !
कब मिलोगे तुम मुझे
इन हसीं फिज़ाओं में !!
नायिका –
पास आ तो जाऊंगी
लोग क्या कहेंगे फिर !
सोचकर ये डरती हूं
फिर खुद को रोक देती हूं !!
नायक –
प्यार तो है अब तुम्हे भी
जानते है हम सभी !
कहते नहीं हो होंठों से
पर आंखे तो ये कह रही !!
नायिका –
जो होंठो से ना कह सकी
आंखें मेरी कह रही !
अब तो तुम समझ गए
आंखों की ज़ुबां मेरी !!
नायक –
तेरी खूबसूरती ये
मुझको यों ही भा रही !
दूर बैठे हो मगर
खुशबू मुझको आ रही !!
नायिका –
मैं दूर बैठी हूं मगर
दिल में तेरे ही बसी !
आऊं पास या नहीं
कशमकश में हूं फसी !!