दिल में बस एक ही बात __ गजल / गीतिका
दिल में बस एक ही बात बसाना तुम।
भूल कर भी किसी को मत बताना तुम।।
प्यार है हमसे तुम्हे यह जानते है हम।
सीधे मिलना ख्वाबों में आकर मत सताना तुम।।
सेवा समर्पण त्याग से सब कुछ मिलता।
अपने मन में दुर्विचार मत जगाना तुम।।
आलस्य से बड़ा कोई शत्रु नहीं जग में।
बचना इससे कभी प्रीत मत लगाना तुम।।
क्या पता कब छूट जाए जग का बसेरा।
शिकायतो में अश्क मत बहाना तुम।।
“अनुनय” जीवन तेरा अनमोल धन है।
दिखावे का खजाना मत सजाना तुम।।
राजेश व्यास अनुनय
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