दिल में, दिनदहाड़े आजा l
दिल में, दिनदहाड़े आजा l
गुपचुप, बिन दहाड़े आजा ll
ये आना तो, क्यों है रुके l
भले ये टोके, वो टोके ll
सब धरा में, गाड़े आजा ll
जीवन में जितनी ऊर्जा है l
जीवन में जितनी पूजा है ll
सब उड़ान उखाड़े आजा ll
घर घर जो भी किराया है l
यहाँ वहां जो बकाया है ll
लेकर सर्व भाड़े आजा ll
चिंताओं भरे, सागर है l
तोड़ जो, न भरी गागर है ll
प्यास, सहज पछाड़े आजा ll
अरविन्द व्यास “प्यास”