दिल में इश्क भरा है
दिल में इश्क़ भरा है ।
ये जादू तूने करा है, ।
ख्वाब रूठ गये हैं मेरी नींदों से
पता नहीं ये क्या माजरा है।
बेबस हो जाए दिल तेरे सामने
देखो तो इसका क्या नखरा है।
ऐसे संभाला है तेरे इश्क को
जैसे मेरी आंख का कजरा है।
थकेंगे नहीं इस पे चलते-चलते
माना कि सफ़र दर्द भरा है।
सुरिंदर कौर