दिल मुझसे लगाकर औरों से लगाया न करो
दिल मुझसे लगाकर,औरों से लगाया न करो,
इस तरह से जख्मों पर नमक लगाया न करो।
खुद मुल्जिम हो,इल्जाम मुझ पर लगाते हो,
इस तरह से चोरी का इल्जाम लगाया न करो।
गुजर चुकी है सारी हदें,मुझे अब सताने की,
हम तो पहले ही सताए है और न सताया करो।
इंतजार करते करते,थक गई है ये आंखे मेरी,
नींद भरी आंखों को,अब और न जगाया करो।
फैल चुके हर जगह,हमारी मोहब्बत के अफसाने,
कसम खाओ,इनको अब और न फैलाया करो।
रस्तोगी क्या बेखबर है इन सभी अफसानों से,
खबरदार,इन अफसानों को और न बताया करो।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम