दिल पे क्या क्या गुज़री ghazal by Vinit Singh Shayar
दिल पे क्या क्या गुज़री हम बताएँ क्या
अपनी बातों पर फिर वापस आएँ क्या
फूल, चमन क्या क्या ना पेश किया हमने
अब दिल चीरकर सचमुच में दिखाएँ क्या
वो जिस दिन मौसम बारिश का था जानी
सच बताना हम उस दिन याद आएँ क्या
आँख दिखाकर सवाल पूछती हो हमसे
जवाब दें या तुमसे हम डर जाएँ क्या
तुम तो हँस कर बाय बोलकर चली गई
हम यादों में तेरी अब मार जाएँ क्या
~विनीत सिंह
Vinit Singh Shayar