दिल पे अब उसकी ही हुकूमत है
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चुन ली दिल ने जो खास सूरत है।
दिल पे अब उसकी ही हुकूमत है।।
हुश्न की क्या मिशाल दूं उसकी
हद से ज्यादा ही खूबसूरत है ।।
अब तो देखूँ घड़ी न चौघड़िया।
इक झलक उसकी शुभ मुहूर्त है।।
साँसे चलती हैं नाम से उसके।
धड़कनों की वही जरूरत है।।
लब खुले ज़िक्र सिर्फ तेरा हो।
रब से बढ़कर तुम्हारी चाहत है।।
तेरे दर्शन की चाह से बढ़कर
दिल में दूजी न कोई हसरत है।।
साथ तेरा है जिंदगी मेरी।
जिंदा तेरे बिना तो लानत है।।
प्यार सबका अधूरा रहता है।
सच ही कहते हैं जो कहावत है।।
✍?श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव
साईंखेड़ा