दिल पागल
उसकी नजर का कहर है क्या करू
दिल पागल ये मगर है क्या करू
दिल को कैसा लगा है रोग ये
हर दवा अब बे-असर है क्या करू
रहने लगे हम दूनिया से बेखबर
पर तेरी नजर नही इधर है क्या करू
खुश्बू तेरी सांसो मे रम गई ऐसे
याद तेरी हर सांस मे घर है क्या करू
तुझे भुलाने की कोशिश बेइंतहा
तू ही नजर है हर डगर है क्या करू